पुनरासर बालाजी का मेला एक बहुत ही प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन है जो हर साल 3 बार लगता है।

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पुनरासर बालाजी मंदिर की पूरी कहानी (भावनात्मक कथा)

राजस्थान के बीकानेर ज़िले में स्थित पुनरासर बालाजी का मंदिर केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि भक्ति, चमत्कार और आस्था का जीवित प्रमाण है।

🌾 कथा का आरंभ:

करीब 500 साल पहले, पुनरासर गाँव एक शांत और सामान्य गाँव था। एक दिन गाँव का एक किसान अपने खेत की खुदाई कर रहा था, तभी उसके हल में कुछ अटक गया। खुदाई करने पर वहाँ से हनुमान जी की मूर्ति निकली, जो दिव्य तेज़ से चमक रही थी।

किसान ने गाँव वालों को बुलाया। सभी ने मिलकर उस मूर्ति को कहीं और ले जाने की कोशिश की, लेकिन वो मूर्ति हिली तक नहीं। उसी रात हनुमान जी ने किसान को स्वप्न में दर्शन दिए और कहा:

> "मैं यहीं वास करूंगा। यहाँ मेरी सेवा करो और जो भी सच्चे मन से आएगा, उसकी हर मनोकामना पूरी होगी।"



🙏 चमत्कार और श्रद्धा:

तब से आज तक, पुनरासर बालाजी के भक्त यहाँ लड्डू, चोला, झंडी लेकर आते हैं और कहते हैं कि:

बीमारियाँ ठीक होती हैं

नौकरी मिलती है

मन की बात हनुमान जी तक सीधे पहुँचती है


यहाँ की धूल (Balaji ki Dhool) तक चमत्कारी मानी जाती है।


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🛤️ अब बात करते हैं – ट्रेन से कैसे पहुँचें?

मान लीजिए आप दिल्ली, जयपुर, जोधपुर या किसी भी बड़े शहर से आ रहे हैं:

🔸 Step 1: अपने शहर से बीकानेर जंक्शन (BKN) तक ट्रेन लें।

शहर ट्रेन (उदाहरण) समय

दिल्ली Bikaner Express, Rajasthan Sampark Kranti ~11-12 घंटे
जयपुर Leelan Express, BKN-JP Intercity ~6 घंटे
जोधपुर Leelan Express ~4 घंटे
हरियाणा Hanumangarh–Bikaner 6–8 घंटे


👉 आप IRCTC App या Google से ट्रेन बुक कर सकते हैं।


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🔸 Step 2: बीकानेर से पुनरासर मंदिर कैसे जाएं?

बीकानेर से Punrasar Balaji की दूरी: लगभग 57 किलोमीटर

यात्रा का समय: लगभग 1.5 घंटे टैक्सी या बस से


🚖 विकल्प:

1. Local Taxi/Auto: स्टेशन से सीधी टैक्सी कर सकते हैं


2. लोकल बस:

बीकानेर बस स्टैंड से Punrasar या Sri Dungargarh जाने वाली बसें मिलती हैं

किराया: ₹50–₹100




> 👉 मंदिर के पास धर्मशालाएँ और भोजन प्रसादालय भी उपलब्ध हैं – जहाँ भक्त रुक सकते हैं।




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🎁 टिप्स:

मंगलवार, शनिवार और नवरात्रि में ज्यादा भीड़ होती है

झंडी, लड्डू, चोला, और नारियल ले जाना ना भूलें

मंदिर का समय: सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक

पुनरासर बालाजी का मेला एक बहुत ही प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन है जो हर साल 3 बार लगता है। यह मेला लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक होता है और राजस्थान ही नहीं, बल्कि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, यूपी से भी लोग पैदल दर्शन करने आते हैं।


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📅 पुनरासर बालाजी मेला – कब लगता है?

🎪 1. चैत्र नवरात्रि मेला

समय: मार्च–अप्रैल

महत्व: यह सबसे बड़ा मेला होता है।

विशेष: भक्त बड़ी संख्या में झंडियाँ लेकर पैदल आते हैं।


🎪 2. आषाढ़ मास का मेला

समय: जून–जुलाई (गर्मी में)

भीषण गर्मी में भी लोग बालाजी के दर्शन के लिए आते हैं।


🎪 3. आश्विन नवरात्रि मेला

समय: सितम्बर–अक्टूबर

यह दूसरा प्रमुख नवरात्रि मेला होता है।

ग्रामीण और शहरी भक्तों की बड़ी संख्या होती है।



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📍 मेला में क्या होता है?

झंडी चढ़ाना (लाल पताका)

लड्डू, चोला, नारियल चढ़ाना

विशेष भजन संध्या, जागरण, और भंडारे

पैदल यात्रा (पदयात्रा) का विशेष महत्व




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