बाबा हरिराम जी झोरड़ा धाम साँप और बिच्छू के डसे लोगों को राहत दिलाने की परंपरा हर साल हजारों श्रद्धालुओं का आना और लगता है विशाल मेला

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 बिना मूर्ति का मंदिर ( Baba Jhorda Dham , Rajasthan)

झोरड़ा धाम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ किसी भी प्रकार की मूर्ति स्थापित नहीं है।बल्कि वहां  भक्त सीधे बाबा हरिराम जी की समाधि के दर्शन करते हैं और वहीं पर पूजा-अर्चना, नारियल, चुनरी और प्रसाद चढ़ाते हैं।
यह परंपरा इस विश्वास को दर्शाती है कि बाबा स्वयं जीवित लोकदेवता के रूप में भक्तों की रक्षा करते हैं और मूर्ति के बजाय उनकी आत्मा और शक्ति ही यहाँ पूजनीय है। और ऐसा माना जाता है कि यहां पर आए हुए हर भगत की इच्छा पूरी होती है और भगत भी पूरी श्रद्धा के साथ बाबा जी के दर्शन करते हैं और मेले का लुफ्त उठाते हैं 



बाबा हरिराम झोरड़ा धाम का परिचय baba hariram ji ke baare me 


राजस्थान का नागौर जिला अपनी लोकदेवताओं और धार्मिक आस्थाओं के लिए प्रसिद्ध है। इसी पावन भूमि पर स्थित है झोरड़ा गाँव, जहाँ लोकदेवता बाबा हरिराम जी ( Hariram ji baba , jhorda Dham) महाराज का जन्म हुआ।
झोरड़ा धाम न केवल राजस्थान बल्कि देशभर से आने वाले भक्तों की आस्था का केन्द्र है।


 आइए अब हम बाबा हरिराम जी का जन्म और जीवन के ऊपर आपको कुछ बाते बताते है 

बाबा हरिराम जी का जन्म नागौर जिले के झोरड़ा गाँव में हुआ।
बचपन से ही वे धर्म, सत्य और लोकसेवा के मार्ग पर चल पड़े।
लोककथाओं के अनुसार, उन्हें “साँपों वाले बाबा” कहा जाता है, क्योंकि उनके नाम के स्मरण मात्र से साँप-बिच्छू के डसे हुए व्यक्ति को राहत मिलती है। 
बाबा ने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा, भलाई और समाज को सही मार्ग दिखाने में बिताया।


बाबा हरिराम झोरड़ा धाम की कथा #babajhordakatha

कहते हैं कि एक बार जब गाँव में लोग साँप-बिच्छू के डसने से परेशान थे, तब बाबा हरिराम जी ने अपने तप और आध्यात्मिक शक्ति से लोगों को राहत दिलाई। तभी से लोग उन्हें "विषहरण बाबा" भी कहते हैं।
उनकी समाधि आज भी झोरड़ा में स्थित है, जहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।


झोरड़ा धाम का मेला #jhordadhammela

हर साल झोरड़ा धाम में विशाल मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। भादवा (भाद्रपद) शुक्ल पक्ष की पंचमी को वार्षिक मेला लगता है।माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी (ऋषि पंचमी) को भी भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इन मेलों में भजन-कीर्तन, झाँकियाँ और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। श्रद्धालु यहाँ बाबा हरिराम जी की समाधि पर मन्नतें माँगते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। ओर आस पास के लोग भी बाबा के आए भगतो की पूरी श्रद्धा से सेवा करते है 

झोरड़ा धाम कैसे पहुँच सकते है #Harirambabaji 
 Baba jhorda dham   mandir kaise pahuche  


जिला मुख्यालय: नागौर (राजस्थान)

दूरी: झोरड़ा गाँव, नागौर शहर से लगभग 35 किलोमीटर उत्तर में स्थित है।

सड़क मार्ग: नागौर से टैक्सी, बस या निजी वाहन द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।

रेल मार्ग: नज़दीकी रेलवे स्टेशन नागौर है, जो प्रमुख शहरों से जुड़ा है।

हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर (लगभग 140 किमी) है। जोधपुर से सड़क मार्ग द्वारा नागौर और फिर झोरड़ा पहुँचा जा सकता है।


क्यों विशेष है बाबा हरिराम झोरड़ा धाम? #Babajhordamandir

साँप और बिच्छू के डसे लोगों को राहत दिलाने की परंपरा। हर साल हजारों श्रद्धालुओं का आना और विशाल मेला।
लोकदेवता की भक्ति और राजस्थान की लोकसंस्कृति का अनूठा संगम।

बाबा के मंदिर में राजस्थान से ही नहीं पूरे देश विदेश से भी लोग आते हैं और अपनी श्रद्धा के साथ बाबा जी के दर्शन करते हैं और मेले में घूमते हैं और वहां के लोकल के लोग भी बाबा जी के मेले में आए हुए सभी भक्तों को श्रद्धा से सेवा करते हैं और पूरी व्यवस्था बनाकर रखते हैं साथ में भंडारे का भी आयोजन करते हैं और पूरी धूमधाम से बाबा जी के मेले को सजा कर रखते हैं 

Question Answer ⁉️ 

Jhorda  Hariram Baba Ji ka mela Kab lagta hai ?

भादवा (भाद्रपद) शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन झोरड़ा धाम में वार्षिक मेला आयोजित होता है।



 



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